13 फरवरी को शहर के हृदयस्थल सदर बाजार, सिकरवारी बाजार, हनुमान चौराहा, झंडा चौक से लेकर रुई की मंडी तक लगने वाले हाथठेले, फड़ दुकानदारों को नगर निगम व जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने की मुहिम के दौरान हटा दिया था। इस मामले की शिकायत न्यायबंधु एड. नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की थी। आयोग ने इस शिकायत को स्वीकार करते हुए केस नंबर आवंटित कर दिया है। न्यायबंधु नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि नगर निगम ने ठेले व फड़ दुकानदारों को सिर्फ यह कहकर बेरोजगार कर दिया कि बाजार में अतिक्रमण है।
इससे कई पथ विक्रेता बेरोजगार हो गए और त्योहार पर उनके घर में अंधेरा छाया रहा। नगर निगम ने सैंकड़ों हाथठेले वालों की रोजी-रोटी छी ली थी। इस संबंध में हमने राष्टीय मानवाधिकार आयोग व अजा आयोग में अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिस पर मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर केस नंबर आवंटित कर दिया है। उन्होंने हाथठेले वालों से भी कहा है कि वे केस की सुनवाई के दौरान ऐसा कोई कृत्य न करें जिससे उनके प्रति आयोग के सामने नकारात्मक छवि बने।