शनिवार, 28 अगस्त 2021

एडवोकेट प्रोटेक्शन वर्तमान समय की आवश्यकता लेकिन एडवोकेटों को भी मर्यादा अनुशासन में रहकर सेंटिंग सिस्टम और न्यायालय के दुरूपयोग से बाज आना होगा

त्वरित संपादकीय 

नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''

बेशक ही आज के समय में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बेहद जरूरी है और एडवोकेटों के मामले में सुरक्षा परम आवश्यक है । हालात इतने बदतर हैं कि न तो पुलिस ही और न किसी विभाग के अधिकारी ही एडवोकेटों की बात सुनते हैं और न ही किसी प्रकार की कोई सुरक्षा ही देते हैं । परिणाम स्वरूप अनेक एडवोकेटों के साथ मारपीट और उनकी हत्याओं की घटनायें घटित हुईं हैं । 

यह बेहद लाजिम और निहायत ही जरूरी है कि तुरंत एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाया जाये और लागू किया जाये , इसके साथ ही एडवोकेटों के लिये उनका ई डब्ल्यू एस , आर्थिक रूप से कमजोर अर्थात जो इनकम टेक्स नहीं देता या जिसकी साला आमदनी 8- 10 लाख से कम है , उन सभी को वित्तीय सहायता एवं अन्य सभी प्रकार की सहायता व अनुदान योजनाओं का लाभ देने के लिये तुरंत उपाय किये जाने चाहिये , इसके लिये आनलाइन प्रमाणपत्र हेतु आवेदन की सुविधा दी जानी चाहिये , एडवोकेट के सभी बैंक अकाउंटों का और आधार कार्ड पेन कार्ड आदि और उससे लिंक बैंक अकाउंट का विवरण प्राप्त करना चाहिये और पात्र पाने पर उसके लिये प्रतिमाह कम से कम 5 - 10 हजार रूपये महीने की वित्तीय सहायता दी जानी चाहिये , चाहे उसकी कुछ भी उमर हो , चाहे वह कितने भी समय की प्रेक्टि में हो । सत्य को स्वीकार किया जाना चाहिये वरना न्याय को जिंदा रखना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जायगा । 

भारत में हर आदमी की आखरी उम्मीद केवल न्यायालय से होती है और हर प्रयास के बाद असफल होने पर न्यायालय ही उसेा अंतिम आसरा , श्रीकृष्ण और सारथी होता है , वहॉं जब न्याय की गुणवत्ता घटती है या न्याय की गरिमा गिरती है तो आम आदमी का न्यायालय से भरोसा और विश्वास दोनों ही खत्म हो जाते हैं । 

न्याय की गुणवत्ता और गरिमा बेहद आवश्यक है , न्यायालयों की साख गिरती जा रही है , लोगों का विश्वास उठता जा रहा है तो कहीं न कहीं एडवोकेट ही उसके लिये जिम्मेवार हैं । 

अयोग्य और समझौतावादी तथा सेटिंग वाले एडवोकेटों से अदालतें भरी पड़ीं हैं । जो किसी ज्ञान या अनुभव विशेष के आधार पर वकालत नहीं करते बल्कि केवल सेटिंग के जरिये , या तो व्यर्थ ही केस की तारीखें बढ़़वाते रहते हैं , या किसी केस को टालते रहते हैं , या किसी फाइल के अहम सबूत या दस्तावेज गायब करा देते हैं या बदलवा देते हैं । या फिर किसी केस को रजिस्ट्रेशन से ही रोकते रहते हैं , बेशक कोर्ट का लिपिक वर्ग इसमें हथियार के रूप में इस्तेमाल होता है , मगर सच तो यही है कि इसमें जिम्मेवार तो असल में किसी एडवोकेट की कुंठित मानसिकता या सेंटिंग मानसिकता या किसी से दो नंबर में पैसे खाकर और खिलाकर केसों को ठंडे बस्तों में डलवाने की कोशिशें और फाइल में से कागजात , दस्तावेजात गायब कराने और बदलने जैसी महत्वपूर्ण चीजें शामिल हैं । 

इससे न्याय प्राप्ति में विलंब हो या न्याय न मिले और जिस उममीद या आस के साथ कोई परिवादी / फरियादी / वादी / प्रतिवादी अदालत तक आया था , अपना समय बर्बाद और अपना धन बर्बाद कर रहा था , वहॉं ऐसे लोग चाहे वह एडवोकेट हों या अदालत का कोई भी लिपिक हो या न्यायाधीश , सभी जिम्मेवार होते हैं और अपने अपने पेशे पर बदनुमा दाग धब्बे और कलंक होते हैं । 

इनसे अदालतों को मुक्त किये जाने के भी उपाय बेहद लाजिमी और वक्त की सख्त आवश्यकता हैं , हमने देखा है अदालतें ई फाइलिंग प्रणाली से बेहद घबरातीं हैं , क्योंकि वहां जमा ई पेपरबुक के हर दस्तावेज का नाम , जमा करने का समय और उसकी तहरीर ज्यों की त्यों जस की तस मौजूद रहती है , उसके किसी भी कागज को कोई भी गायब नहीं कर सकता ओर न बदल सकता है । हमारे ख्याल से यह भारत के हर केस में अनिवार्यत: की जानी चाहिये और अपलोड की जाने वाली पी डी एफ फाइलें हर प्रकरण में जमा की जानीं चाहियें , पहले ई फाइल अपलोड की जानी चाहिये , उसके बाद ही फिजिकल हार्ड कापी पेश की जानी चाहिये , कोर्ट को दोनों फाइलें मिलान कर लेना चाहिये उसी के बाद ही मामला प्रोसीड करना चाहिये , इससे अदालतों में अंधेरगर्दी काफी हद तक दूर होगी। 

भ्रष्ट व अंधेरगर्दी करने वालों को बेहद इससे तकलीफ होगी और वे कभी नहीं चाहेंगें कि कोई केस ई फाइल के रूप में कोर्ट के सर्वर पर अपलोड हो , वे हमेशा इससे बचने का प्रयास करेंगें और पुराने बैलगाड़ी युग के ढर्रे वाले अंधेरगर्दी वाले सिस्टम की ओर ही कोर्ट को धकेंलेंगें । क्योकि इसके चलते केवल न्याय की ओर बढ़ना ही शेष रह जाता है । 

आदतन ही ऐसा होता है और न्याय में कृत्रिम विलंब कारित किया जाता है, तारीखें बढ़वा बढ़वा कर पक्षकार को बुरी तरह से आतंकित कर उसके न्याय प्राप्ति की सारी उम्मीदों पर पानी फेरकर उसे राजीनामा करने या अदालत से भागने पर मजबूर कर दिया जाता है । इस प्रकार से अन्याय सिस्टम चलाने वाले सभी लोगों का अदालतों से उठाकर बाहर फेंकना होगा , तभी न्याय प्रणाली सार्थक होगी ओर लोगों का अदालतों में विश्वास लौटेगा । 

फिर इसके बाद जो भी अच्छे लोग , अच्छे एडवोकेट अदालतों में रह जायें बेशक उनके लिये एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना चाहिये लेकिन दलाली , सेटिंग और अंधेरगर्दी करने वालो को बेशक इस सिस्टम का लाभ नहीं देना चाहिये , बढ़ने वाली हर तारीख की स्टडी बेहद गहराई से की जाना चाहिये , और अदालत की हर टाइमलाइन ओर आर्डरशीट में स्पष्ट तौर पर तहरीर होना चाहिये कि तारीख क्यों बढ़ी या क्यों बढ़ाई गई । 

यदि किसी एडवोकेट द्वारा अधिक केसों की वजह से तारीख बढ़वाई जा रही है तो , एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट में , एडवोकेसी प्रोटेक्शन भी होना चाहिये और जिस एडवोकेट के पास कम केस हों या बिल्कुल केस न हों उनकी सूची में से किसी को भी वह केस आवंटित कर देना चाहिये और अधिक केसों में व्यस्त एडवोकेट की व्यस्तता कम करने और कम केसों वालों या बिल्कुल केस नहीं वालों को थोड़ी व्ययस्तता देने का प्रावधान  एडवोकेसी प्रोटेक्शन के तहत एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट में होना चाहिये । 

( लेखक न्याय बंधु , न्याय विभाग , विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार के रूप में सन 2017 से ग्वालियर हाईकोर्ट के जूरिस्डिक्शन में तथा इनकी अधीनस्थ अदालतों में एडवोकेट के रूप में कार्य कर रहे हैं )               

गवाही से रोकने पर युवती-महिलाओं ने वकील को लात-घूंसे और चप्पल से पीटा; वकील ने कहा- आंख में स्प्रे किया, कपड़े फाड़े; लड़की बोली- परेशान कर रखा था

 विदिशा कोर्ट परिसर शुक्रवार दोपहर अखाड़े में तब्दील हो गया। एक पुराने मामले में महिलाओं, युवतियों ने कुछ लोगों के साथ मिलकर एक वकील की जमकर धुनाई कर दी। महिलाओं ने वकील को लात, घूंसे और चप्पल से जमकर पीटा। वकील का कहना है कि इन्होंने प्लान के तहत मेरे आंख पर स्प्रे किया। मारपीट कर कपड़े फाड़ दिए। मैंने कोर्ट परिसर से भाग कर जान बचाई। वहीं, दूसरे पक्ष की युवती का कहना है कि वकील गवाही देने से रोक रहा था। उसने हमें परेशान करके रख दिया है।

टीआई सिविल लाइन कमलेश सोनी ने बताया कि एडवोकेट भागचंद अहिरवार और व्यापारी दीपक जैन के बीच पुराना विवाद है। उस केस के मामले में आज पेशी थी। पेशी के दौरान कोर्ट परिसर के सामने कुछ युवतियों और युवकों ने एडवोकेट भागचंद के साथ मारपीट कर दी। भागचंद न्यायालय परिसर में भागकर खुद को बचाया। बाद में मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में की गई। इधर, दूसरा पक्ष भी सिविल लाइन थाने पहुंचा।

एडवोकेट भागचंद का कहना है कि 2014 में एक महिला, जिसे दीपक जैन ब्लैकमेल कर रहा था। उस केस में मैंने सहयोग किया था। तभी से दीपक मुझ से दुश्मनी रखता है। मैं दोपहर में कोर्ट जा रहा था, तभी जैन के परिवार ने मुझ पर हमला कर दिया। इन्होंने मेरे कपड़े फाड़ दिए। मेरी आंखों में कुछ स्प्रे किया। इसके बाद लात-घूंसे, चप्पल और डंडे से मुझे पीटा। इन्होंने 14 हजार 500 रुपए और मोबाइल भी छीन लिया।

वहीं, दूसरे पक्ष की युवती का कहना है कि वह बयान देने कोर्ट आई थी। भागचंद ने उन्हें रास्ते में रोका लिया। उसने मारपीट की। बहन के पेट में लात मारी। वह लंबे समय से हमें परेशान कर रहा है। बार-बार गवाही देने से रोकता है। इसी बात को लेकर विवाद हुआ था। वहीं, पुलिस ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामला दर्ज करने की बात कही।

बदमाश के समर्थकों का कोर्ट में हंगामा:वकीलों ने हथियारों से लैस बदमाशों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप

 https://dainik-b.in/i0o4jX113ib जबलपुर में कुख्यात बदमाश अब्दुल रज्जाक और उसके भतीजे शहबाज के समर्थकों ने जिला कोर्ट में हंगामा किया। इस पर वकीलों का सब्र भी टूट गया। आक्रोशित वकीलों ने बदमाश के समर्थकों को खदेड़ दिया। वकीलों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।

दोनों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। इनके पास से विदेशी बंदूक, धारदार हथियार और असलहा बरामद किया था। समर्थकों ने पुलिस की कार्रवाई को गलत करार दिया। इसी बात को लेकर उसके समर्थक हंगामे का प्रयास कर रहे थे। दोनों को शाम को कोर्ट में पेश करने ले जाया गया। ऐहतियात के तौर पर पुलिस घंटाघर और ओमती चौक पर बल तैनात किया था।

बड़ी संख्या में कोर्ट में घुसे समर्थक
रज्जाक और शहबाज की कोर्ट में पेशी के समय उनके करीब 250 समर्थक परिसर में घुस गए। वे पुलिस की कार्रवाई को झूठा बताते हुए हंगामा करने लगे। वकील सचिन गुप्ता ने बताया कि रज्जाक के समर्थक मना करने पर वकीलों के साथ भी अभद्रता कर रहे थे। पुलिस मौजूद थी, फिर भी नहीं रोक पा रही थी। वकीलों ने डीजे से मिलकर कोर्ट की सुरक्षा को लेकर बात की है। इस तरह कोर्ट परिसर में बम व हथियार लेकर लोग पहुंच रहे हैं, तो भविष्य में किसी भी वकील के साथ कुछ भी हो सकता है।

कोर्ट में दहशत फैलाने की कोशिश
वकील संजय सोनी ने बताया कि न्यायालय परिसर न्याय का स्थान है, लेकिन दुर्भाग्य से जबलपुर जिला कोर्ट में भय और दहशत फैलाने की कोशिश की गई। एक अपराधी के समर्थक इस तरह हथियारों से लैस होकर लोगों को आतंकित कर रहे थे। पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी। कोर्ट ने आरोपी रज्जाक और उसके भतीजे को जेल भेज दिया। पुलिस लाइन में कोविड टेस्ट कराने के बाद दोनों को जेल दाखिल कर दिया गया।

कुख्यात अपराधी है रज्जाक
एसपी बहुगुणा के मुताबिक, हिस्ट्रीशीटर बदमाश अब्दुल रज्जाक वर्ष 1991 से लेकर लगातार मारपीट, अवैध वसूली, बलवा कर मारपीट करना, हत्या जैसे वारदात को अंजाम दिया है। उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट, वन्य प्राणी अधिनियम जैसे मामलों में भी केस दर्ज हैं। आरोपी अब्दुल गिरोह बनाकर गम्भीर घटनाओं को अंजाम देता है।


एक दिन में स्विट्जरलैंड की आबादी से ज्यादा लोगों का हुआ टीकाकरण

नई दिल्ली 28 अगस्त 2021 भारत में एक दिन में स्विट्जरलैंड की आबादी से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया गया। शुक्रवार को देश में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई, जोकि एक दिन में दी गई अबतक की सर्वाधिक संख्या है।


नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि एक दिन में एक करोड़ कोरोना की खुराक देना भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली के लिए गर्व की बात है। इससे कोरोना के प्रति हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।

उन्होंने कहा कि 63 हजार टीकाकरण केंद्रों के साथ हम एक दिन में कोरोना वैक्सीन की एक करोड़ खुराक देने में सक्षम हैं। यह संख्या इतनी है कि हम एक दिन में स्विट्जरलैंड की आबादी से ज्यादा टीकाकरण कर सकते हैं। बता दें कि स्विट्जरलैंड की आबादी करीब 86 लाख है।

डॉ. एनके अरोड़ा ने सभी को बधाई दी
एनके अरोड़ा ने कहा कि इस मुकाम को हासिल करने के लिए निजी क्षेत्र सहित देशभर के सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स, वैक्सीनेटर, नर्स, डॉक्टर और हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स को मेरी बधाई।

कोविन वेबसाइट के अनुसार, देश में कोविड रोधी टीकों की 62,17,06,882 से अधिक खुराक दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण अभियान से जुड़े लोगों की सराहना की और टीका लगवाने वालों की भी प्रशंसा की।

मोदी और अमित शाह ने ट्वीट कर जताई खुशी
शुक्रवार को देशभर में कोरोना की 1,00,64,032 खुराक दी गई। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इसे महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर लिखा है कि ये आंकड़ा नए भारत की दृढ़ इच्छाक्ति और अपार क्षमता का प्रतिबिंब है। एक दूरदर्शी और कर्मठ नेतृत्व से कैसे एक देश कोरोना से सफल लड़ाई लड़ते हुए पूरे विश्व में उदाहरण स्थापित कर सकता है।

अनपढ़ भाईयों ने 5 बहिनों की पिटाई की और पढ़ाई करने से रोका , बहिनें ग्रेजुएट , भाई पांचवीं पास , हीनभावना और कुंठा खुलकर सामने आई

 जोधपुर की एक ढाणी में बेटियां पढ़-लिख गईं तो वह उनके परिवार को ही नागवार गुजरा। लड़कियों के ग्रेजुएट होने से चिढ़कर उनके कम पढ़े-लिखे चचेरे भाइयों ने मारपीट कर दी। राखी बंधवाने के 4 दिन बाद हुई मारपीट से परेशान 5 बहनें भाइयों के खिलाफ थाने पहुंच गईं।

जानकारी के मुताबिक, मामला जोधपुर के विश्नोई डुढियों की ढाणी का है। यहां रहने वाली 5 बहनों ने ग्रेजुएशन पूरा किया है। जबकि उनका कोई भी भाई 5वीं क्लास से ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है। यही बात भाइयों को नागवार गुजर रही थी। इधर, बहनों ने अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी शुरू कर दी। इससे चिढ़कर भाइयों ने गुरुवार को बहनों पर लाठियों से हमला बोल दिया।

युवतियों ने बनाया मारपीट का वीडियो
जमकर मारपीट करने के बाद पांचों बहनों को घर के एक कमरे में बंद कर दिया गया। इनके बाहर निकलने पर भी पाबंदी लगा दी। मारपीट के दौरान लड़कियों ने मोबाइल से वीडियो बना लिए थे। कमरे में बंद किए जाने के बाद उन्होंने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने कमरे से निकाला। इसके बाद अपनी फरियाद लेकर लड़कियां कुड़ी थाने गईं, लेकिन उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। फिर वे पुलिस उपायुक्त पश्चिम जोधपुर के ऑफिस पहुंचीं।

18 से 25 साल की हैं पांचों बहनें
इन बहनों में सबसे बड़ी 25 साल की सीमा बुरडक ने बताया कि चाचा और ताऊ के परिवार और उनके बेटे हम बहनों की पढ़ाई करने पर नाराज हैं। उसकी बहन 23 साल की मूमल, 21 साल की नैनी, 19 साल की सुमित्रा और 18 साल की अनिता को भाइयों ने लाठी से मारा। इस पर सभी को चोट आई है। उसने बताया कि उनके ग्रेजुएट होने पर परिवार नाराज है। भाई पांचवीं से ज्यादा नहीं पढ़े हैं। उन्होंने धमकी दी है कि यदि हम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करेंगे तो हमारी खैर नहीं।

टीचर, IAS और SI बनना चाहती हैं
सीमा और उसकी दो बहनें टीचर बनना चाहती हैं। एक बहन IAS तो एक पुलिस में भर्ती होना चाहती है। लड़कियों के पिता खेती करते हैं और भाई ट्रक चलाता है। जब भाई और पिता घर में नहीं थे, तब इन लोगों ने हमला किया।

मंगलवार, 24 अगस्त 2021

नगर निगम क्षेत्र मुरैना में कोविड वैक्सीनेशन के लिये 47 केन्द्र बनाये

 

महाअभियान 25 एवं 26 अगस्त को ध्यान में रखते हुये कलेक्टर श्री बी कार्तिकेयन के निर्देशन में नगर निगम के अंतर्गत 47 वार्डों में वैक्सीनेशन के लिये 47 केन्द्र बनाये गये हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एडी शर्मा ने बताया कि निगम के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 1 में शासकीय कन्या प्राथमिक शाला मुडि़याखेरा, वार्ड 2 में दीनदयाल रसोई बड़ोखर, वार्ड 3 में शासकीय माध्यमिक शाला भवन लालौर कलां, वार्ड 4 में आंगनवाड़ी भवन सुंदरपुर, वार्ड 5 में गुरूकुल विद्यामंदिर बिस्मिल नगर, वार्ड क्रमांक 6 में शासकीय हाईस्कूल मुरैना गांव, वार्ड क्रमांक 7 में पंचायत भवन मुरैना गांव, वार्ड 8 में शासकीय प्राथमिक शाला गड़ौरापुरा, वार्ड 9 में रिषी गालव महाविद्यालय, विवेक कॉन्वेंट स्कूल सिद्धनगर, वार्ड 11 में बीटीआई परिसर, वार्ड 12 में मदर टेरेसा स्कूल पुरानी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, वार्ड 13 में जेएस पब्लिक स्कूल, वार्ड 14 में कृषि उपज मंडी कार्यालय मुरैना, वार्ड 15 में श्रीराम वाटिका, वार्ड 16 में टाउनहॉल जीवाजी गंज, वार्ड 17 में गंगा पब्लिक स्कूल, सब्जीमंडी, वार्ड 18 में टीएन पब्लिक स्कूल, वार्ड 19 शासकीय गांधी प्राथमिक शाल भवन मुरैना, वार्ड 20 में शासकीय माध्यमिक शाला सिंघल बस्ती मुरैना, वार्ड 21 में त्रिवेणी हाईस्कूल मुंशी बाबू बाड़े के पास, वार्ड क्रमांक 22 में शासकीय कन्या माध्यमिक शाला रूई की मंडी मुरैना, वार्ड 23 में महामाया स्वास्थ्य केन्द्र और वार्ड 24 में सर्वोदय हाईस्कूल पानी की टंकी के पास कोविड वैक्सीन केन्द्र बनाये गये हैं।
    इसी प्रकार वार्ड क्रमांक 25 में शासकीय पीजी कॉलेज फाटक बाहर, वार्ड 26 में शासकीय जीडी जैन मुरैना, वार्ड 27 में रामनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, वार्ड 28 में बीआर ग्लोबल कॉन्वेंट स्कूल, वार्ड 29 में नवीन प्राथमिक शाला विद्यालय शहीद भगत, तुस्सीपुरा, वार्ड 30 में बीएल मैरिज गार्डन तुस्सीपुरा वार्ड 31 में ब्लूम पब्लिक स्कूल, कम्प्यूटर एकेडमी, वार्ड 32 में शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय मुरैना, वार्ड 33 में जिला चिकित्सालय मुरैना में वैक्सीन कैंप लगाये जायेंगे।
    वार्ड क्रमांक 39 में मित्तल धर्मशाला एसपी बंगले के पास, वार्ड 40 में जेएस पब्लिक स्कूल गोपालपुरा, वार्ड 41 में संत निरंकारी भवन, वार्ड 42 में सीएमएचओ ऑफिस वीआईपी रोड, वार्ड 43 में शासकीय प्राथमिक विद्यालय शिवलाल का पुरा, वार्ड 44 में शासकीय नवीन प्राथमिक कन्या शाला भवन छौंदा, वार्ड 45 में विक्टर कॉन्वेंट स्कूल टंकी के पास, वार्ड 46 में केएस स्कूल मुरैना और वार्ड क्रमांक 47 में शासकीय पीजी कॉलेज जौरा रोड मुरैना में वैक्सीन सेंटर लगाये गये हैं। इसके अलावा वार्ड 16 के लिये गांधी चिकित्सालय नेहरूपार्क में भी कोविड सेंटर बनाया गया है।

*"कोराना मुक्त व वैक्सीन युक्त" बनाएंगे भाजपा के स्वास्थ्य स्वयंसेवक, भाजपा का राष्ट्रीय स्वास्थ्य स्वयंसेवक अभियान प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न

कोरोना की तीसरी लहर के प्रभाव को रोककर आम जनता को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी विश्व का सबसे बड़ा राष्ट्रीय स्वास्थ्य स्वयंसेवक अभियान संचालित करने जा रही है। इसके अंतर्गत  प्रशिक्षित स्वास्थ्य स्वयंसेवक अपनी सेवाएं प्रदान कर आपदा को रोकने व जनजागरण का कार्य करेंगे। नगर के मंडल वार्डों में भाजपा के प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की टीम सक्रिय रहेगी। यह बात भारतीय जनता पार्टी नगर जिला प्रभारी श्री विष्णु खत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य स्वयंसेवक अभियान के एक दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में कही। 
सह मीडिया प्रभारी दिनेश जाटवा के अनुसार  श्री खत्री ने कहा कि आज देश के सबसे साक्षर प्रदेश केरल में कोरोना के दस हजार से अधिक मरीज मिल रहे है वंही  मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के द्वारा उठाए गए कदमों व निर्णयों के कारण कोरोना नियंत्रण में है ।  कोरोना काल में 135 करोड़ की आबादी में 80 करोड़ लोगों तक खाद्यान्न देने का कार्य अगर किया है तो वो मोदी जी ने किया है । यह प्रधानमंत्री श्री मोदी की दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि देश में स्वदेशी वैक्सीन के माध्यम से अब तक करीब 55 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है।  आने वाले दिनों में यदि तीसरी लहर आती है तो उसके लिए भी हम हर प्रकार से तैयार रहेंगे। आज यह प्रशिक्षण इसीलिए आयोजित किया गया है ।
प्रशिक्षण वर्ग को सम्बोधित करते हुए नगर अध्यक्ष श्री विवेक जोशी ने कहा कि उक्त अभियान में शामिल स्वास्थ्य स्वयंसेवक का कार्य कोरोना कि यदि आपदा आती है तो आम जनता को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का होगा । नगर के 9 मण्डलों में प्रत्येक मंडल में 4-4 स्वास्थ्य स्वयंसेवक बनाये गये है  । उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की पंचनिष्ठाओं पर ही हमारी सारी योजनाएं बनती है हमारी विचारधारा के कारण ही भाजपा को अन्य दलों से अलग बनाती है । इस दौरान कार्यक्रम में विशेष रूप से विधायक श्री पारस जैन उपस्थित थे । उन्होंने कहा कि योग को अपने जीवन में उतारना बहुत आवश्यक है । योग ही निरोगी काया रख सकता है साथ ही मास्क का उपयोग भी करना है । अभियान के जिला संयोजक श्री अमित श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य स्वयंसेवकों की भूमिका विषय पर सत्र को सम्बोधित किया । इस अवसर पर योगाचार्य मिलिंद्र त्रिपाठी ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने संबंधी जानकारी देकर प्रशिक्षण दिया साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य स्वयंसेवकों को योग एवं आसन का प्रशिक्षण दिया। कोरोना काल मे  स्वास्थ्य स्वयंसेवकों की सोशल मीडिया पर सकारात्मक भूमिका व तकनीकी की विस्तार विषय पर श्री खगेश सेंगर ने प्रशिक्षण वर्ग में सत्र को संबोधित किया ।  
कार्यक्रम में प्रशिक्षण वर्ग प्रभारी श्री अमित श्रीवास्तव, डॉ अनिल सर्राफ, श्री संजय अग्रवाल,  श्री खगेश सेंगर, श्री अजय तिवारी, पर्वतसिंह जाट, राजकुमार बंशीवाल, मनीष चौहान , जितेंद्र कुमावत, परेश कुलकर्णी सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे । प्रशिक्षण वर्ग का संचालन श्री सुरेश गिरी ने किया ।

प्रशिक्षण वर्ग के पश्चात नवनियुक्त प्रदेश प्रवक्ता श्री राजपालसिंह सिसोदिया, डॉ सनवर पटेल, सह मीडिया प्रभारी श्री सचिन सक्सेना, किसान मोर्चा प्रदेश मंत्री श्री भंवरसिंह चौधरी, अंत्योदय प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक श्री रामेश्वर दुबे, अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश मंत्री श्री मुर्तजा अली बड़वाहवाला, महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती मीना जोनवाल, अपेक्षा शुक्ला, अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष श्री मुकेश ततवाल, प्रदेश मंत्री श्री विक्रम गोंदिया का स्वागत सम्मान किया गया ।  

मुस्लिम संगठनों की मांग पर पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने पर ली जा रही हैं राय : गृह मंत्री डाक्टर नरोत्तम मिश्रा


गृह मंत्री ने ओवैसी को दी नसीहत

भोपाल

 हिंसा फैलाने और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए कई बार जिम्मेदार साबित हो चुके पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की मुस्लिम संगठनों की मांग पर सरकार कानूनी सलाह ले रही है। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से चर्चा में यह बात कही। उन्होंने एआईएमआईएम के प्रमुख व सांसद असदुद्दीन ओवैसी को मध्यप्रदेश में दखल नही देने की नसीहत देते हुए कहा है कि यहां कानून का राज चलता है।

 इंदौर में चूड़ी वाले युवक की पिटाई के बाद लोगों को भड़काने का आरोप  पीएफआई पर लगाया जा रहा है। पुलिस की जांच में भी पीएफआई संगठन से जुड़े कुछ लोगों के नाम लोगों को भड़काने में सामने आए हैं। सोमवार को मुस्लिम समाज के लोगों ने गृह मंत्री डॉ. मिश्रा को आवेदन सौंपकर पीएफआई संगठन पर प्रदेश में प्रतिबंध लगाने की मांग की। गृह मंत्री ने कहा कि उनकी मांग को शासन ने गंभीरता से लिया है और  प्रक्रिया शासन स्तर पर विचाराधीन है।
 
 इंदौर घटना पर  एआईएमआईएम पार्टी के नेता व हैदराबाद से सांसद असउद्दीन ओवैसी के ट्वीट पर गृह मंत्री डॉ.  मिश्रा ने ओवैसी को सलाह दी है कि मध्य प्रदेश के मामलों में हस्तक्षेप न करें, यहां कानून का राज चलता है। किसी को वैमन्सयता फैलाने नहीं दी जाएगी। युवक ने अपराध किया, उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। वहीं जिन लोगों ने युवक के साथ मारपीट की है, उन लोगों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी की जा रही है। एक से अधिक पहचान पत्र रखने के साथ अपना नाम और वल्दियत को छुपाना अपराध हैं। इस अपराध को सही साबित करने की कोशिश करना भी अपराध की श्रेणी में ही आता है। ऐसे लोगों के विरुद्ध कानूनन सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।



 

सोमवार, 23 अगस्त 2021

पात्र परिवारों को राशन का वितरण नहीं करने पर जिला आपूर्ति अधिकारी को दिया नोटिस

मुरैना 23 अगस्त 2021/ पात्र परिवारों को राशन का वितरण नहीं करने पर चंबल संभाग के श्योपुर जिले के प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी एन एस चौहान की दो वेतनवृद्धि रोकने संबंधी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कार्यवाही चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना द्वारा की गई है।

नोटिस में कहा गया है कि प्रभारी खाद्य आपूर्ति अधिकारी श्योपुर एन एस चौहान द्वारा 19 हजार 874 पात्र परिवारों में से मात्र साढ़े 14 हजार परिवारों को ही राशन सामग्री का वितरण किया गया है। शेष 5 हजार 374 पात्र परिवारों को राशन का वितरण नहीं किया गया है।

प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी चौहान का यह कृत्य पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही को परिलक्षित करता है जो एक लोक सेवक के पद के अपेक्षित आचरण के विपरीत होकर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 (1) (2) व (3) का स्पष्ट उल्लंघन है।

कमिश्नर ने संबंधी प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण व अपील नियम 1966 के नियम 16 के तहत आगामी दो वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकने का कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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दो दिवसीय टीकाकरण महाअभियान 25 व 26 अगस्त को

कोविड-19 संक्रमण के बचाव, सुरक्षा, उपचार एवं अन्य कार्य हेतु प्रशासन द्वारा जिन विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों, प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक एवं अन्य स्टाफ की ड्यूटी पूर्व में लगाई थी उन सभी को टीकाकरण के महाअभियान के लिये पुन: 23 से 26 अगस्त तक पूर्वानुसार इंसीडेंट कमांडरों के साथ लगाया गया है।
    कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने आदेश जारी कर ऐसे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों जिन्हें कोविड के दौरान दायित्व सौंपे थे और वर्तमान में भार मुक्त कर दिया था उन सभी को पुन: अपने-अपने दायित्व स्थलों पर पहुँचने के निर्देश दिए हैं। जारी किए गए आदेश में स्पष्ट किया गया है कि 26 अगस्त के पश्चात ड्यूटी में लगे सभी अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक स्वत: ही भारमुक्त हो जायेंगे।

एडवोकेट नरेंद्र सिंह ने उठाया था हाथठेले वालों का मामला:बाजार से ठेले हटाने के मामले में आयोग में जल्द होगी सुनवाई

  13 फरवरी को शहर के हृदयस्थल सदर बाजार, सिकरवारी बाजार, हनुमान चौराहा, झंडा चौक से लेकर रुई की मंडी तक लगने वाले हाथठेले, फड़ दुकानदारों क...