समाज के अंतिम छोर पर खड़े आम आदमी को न्याय दिलाने के उद्देश्य से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आम जन के हित में विभिन्न विधिक सहायता योजनायें संचालित की जा रही हैं। प्राधिकरण द्वारा नि:शुल्क विधिक सहायता व सलाह प्रदान की जाती है। अपर जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री ऋतुराज सिंह चौहान ने जरूरतमंद लोगों से विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की है।
कोई भी व्यक्ति जो राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं एवं इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार की विधिक सहायता/सलाह प्राप्त करना चाहता हो तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर में कार्यालयीन समय में संपर्क कर सकता है तथा योजनाओं के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकता है।राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आम जन के हित में संचालित प्रमुख योजनाओं का ब्यौरा इस प्रकार है –
विधिक सेवा व सलाह योजना - अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला, बंदी, मानसिक रूप से अस्वस्थ, असंगठित क्षेत्र के मजदूर संवर्ग, बालक आदि तथा सामान्य, पिछड़ा संवर्ग के ऐसे व्यक्ति जिनकी आय दो लाख रूपए से कम है, वे इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इन सभी वर्गों के ऐसे व्यक्ति जो किसी कारणवश न्यायालय में अपना प्रकरण दर्ज करना चाहते हैं अथवा विधिक सलाह चाहते हैं, उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर द्वारा पैनल अधिवक्ताओं के माध्यम से नि:शुल्क विधिक सहायता/सलाह प्रदान कराई जाती है। आवेदक न्यायालय में कोर्ट फीस, आदेशिका फीस, अधिवक्ता फीस, कानूनी दस्तावेजों का प्रारूपण कराना, दस्तावेजों का मुद्रण टंकण तथा अनुवाद के खर्चे इत्यादि कानूनी सेवायें प्राप्त कर सकता है।
स्थायी एवं निरंतर लोक अदालत का आयोजन – लोगों को शीघ्र, सस्ता न्याय, सुलभ कराने के उद्देश्य से प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को जिला न्यायालय ग्वालियर, सिविल न्यायालय डबरा एवं भितरवार में स्थायी एवं निरंतर लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें न्यायालय में लंबित वादों तथा मुकदमेबाजी से पूर्व (प्रीलिटिगेशन प्रकरण) के विवादों का पक्षकार आपसी राजीनामा के आधार पर निराकरण करा सकते हैं। इसके लिये कोई कोर्ट फीस नहीं चुकानी पड़ती। लोक अदालत द्वारा पारित आदेश को वैधानिक स्वरूप प्रदान किया गया है, जिसकी बाध्यता विवाद के दोनों पक्षों पर लागू होगी। लोक अदालत में पारित निर्णयों की अपील अथवा कोई रिवीजन मान्य नहीं होगा।
परिवार विवाद समाधान केन्द्र योजना – परिवार के सदस्यों के मध्य उत्पन्न पारिवारिक विवादों को दोनों पक्षों के बीच सौहार्द्रपूर्ण बातचीत द्वारा सुलह समझौते से निराकरण कराए जाने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में परामर्श केन्द्र की स्थापना की गई है। जिसमें प्राप्त होने वाली शिकायतों के संदर्भ में दोनों पक्षों को आपसी समझाइश के आधार पर अस्थायी तौर पर संतुष्टि के आधार पर पारिवारिक समस्याओं का निदान कराया जा रहा है।
जेल परिसर में लीगल एड क्लीनिक का संचालन – मध्यप्रदेश राज्य प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार केन्द्रीय जेल ग्वालियर एवं उप जेल डबरा में लीगल एड क्लीनिकों की स्थापना की गई है। इन लीगल क्लीनिकों में पैरालीगल वॉलेन्टियर के माध्यम से जेल में निरूद्ध बंदियों को उनके न्यायालयीन प्रकरणों में नि:शुल्क विधिक सहायता एवं अपेक्षित विधिक सलाह उपलब्ध कराई जा रही है।
लोकोपयोगी लोक सेवा की स्थायी लोक अदालत – इस योजना के तहत ऐसा कोई भी व्यक्ति, समूह, कंपनी, फर्म, निगम या कोई भी अन्य संस्था (स्वयं कोई भी व्यक्ति या अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से) लोकोपयोगी सेवा जैसे – हवा, सड़क की यात्रा, पोस्टल, टेलीफोन, विद्युत प्रकरण, जल आपूर्ति, सार्वजनिक संरक्षण या स्वच्छता की प्रणाली, अस्पताल, बीमा सेवा, आवासीय, बैंकिंग बिल से संबंधित विवाद के बारे में सरल रूप में कार्यवाही कर सकता है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिये विधिक सेवा योजना – वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों के संरक्षण की आवश्यकताओं एवं संवैधानिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 पारित किया गया है। जिसमें ग्वालियर जिले के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, न्यू कलेक्ट्रेट ग्वालियर को अधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जहाँ पर इस अभियान के तहत कार्यवाही की जा सकती है। वरिष्ठ नागरिकों को अधिकरण से भरण-पोषण प्राप्त करने संबंधी एवं रहने के लिये स्थान दिलवाए जाने के संबंध में आदेश प्राप्त किए जा सकते हैं।
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