13 फरवरी को शहर के हृदयस्थल
सदर बाजार, सिकरवारी बाजार, हनुमान चौराहा, झंडा चौक से लेकर रुई की मंडी
तक लगने वाले हाथठेले, फड़ दुकानदारों को नगर निगम व जिला प्रशासन व पुलिस
अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने की मुहिम के दौरान हटा दिया था। इस मामले की
शिकायत न्यायबंधु एड. नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में
की थी। आयोग ने इस शिकायत को स्वीकार करते हुए केस नंबर आवंटित कर दिया है।
न्यायबंधु नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि नगर निगम ने ठेले व फड़
दुकानदारों को सिर्फ यह कहकर बेरोजगार कर दिया कि बाजार में अतिक्रमण है।
इससे
कई पथ विक्रेता बेरोजगार हो गए और त्योहार पर उनके घर में अंधेरा छाया
रहा। नगर निगम ने सैंकड़ों हाथठेले वालों की रोजी-रोटी छी ली थी। इस संबंध
में हमने राष्टीय मानवाधिकार आयोग व अजा आयोग में अलग-अलग शिकायतें दर्ज
कराई थीं, जिस पर मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर केस नंबर आवंटित कर दिया
है। उन्होंने हाथठेले वालों से भी कहा है कि वे केस की सुनवाई के दौरान
ऐसा कोई कृत्य न करें जिससे उनके प्रति आयोग के सामने नकारात्मक छवि बने।
ग्वालियर हाई कोर्ट के जूरिस्डिक्शन क्षेत्रांतर्गत कार्य करेगा
लीगल एड क्लिनिक
·गरीबों , लाचारों
को मिल सकेगी मुफ्त कानूनी सलाह और सेवायें
·तहसील कोर्ट से लेकर एस डी एम और कलेक्टर कोर्ट से लेकर जिला एवं
सत्र न्यायालयों तथा हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट स्तर की सलाह एवं सेवायें उपलब्ध
होंगी
·लीगल क्लिनिक पर पात्र हितग्राहियों के अलावा अन्य व्यापारीयों
और उच्च स्तरीय लोगों के लिये भी कानूनी सलाह और सेवायें सशुल्क उपलब्ध रहेंगीं
·लीगल एड क्लिनिक पर ट्रेड मार्क ,
कॉपीराइट , डिजाइन , पेटेंट
सम्बन्धी मामले , ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रेशन व उनकी समस्यायें
, व्यापारीयों व्यावसाईयों की विभन्न समस्यायें , समितियों , फर्म्स , एम एस एम
ई पंजीयन , स्टार्ट अप्स , लोन योजनाओं
में सहायता , कंपनी पंजीयन , कंपनियों
व शिक्षा आदि से जुड़े मामले भी निराकृत किये जायेंगें । पथ विक्रेताओं , लघु व्यासाईयों आदि के प्रकरण भी लीगल एड क्लिनिक से निराकृत किये
जायेंगें ।
मुरैना 22 अक्टूबर 2022 । न्याय विभाग भारत सरकार के
लिये अधिकृत व कार्यरत न्याय बंधु एडवोकेट नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपना लीगल एड
क्लिनिक , स्थानीय
गोपीनाथ की पुलिया पर स्थित बालाजी प्लाजा में स्थापित व शुरू करने का अधिकार शहर
के प्रतिष्ठित उद्योगपति एवं व्यापारी व व्यावसाई श्री आशीष मित्तल को सौंपा है । श्री
मित्तल वर्तमान में शगुन साड़ी कलेक्शन के संचालक तथा उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ
जिला मुरैना के अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक श्री राकेश मावई के विधायक प्रतिनिधि
हैं ।
न्याय बंधु नरेन्द्र सिंह तोमर एडवोकेट ने श्री आशीष
मित्तल के सामाजिक कार्यों और जन हितैषी व निष्काम व निष्पक्ष कार्य को देखते हुये
लीगल एड क्लिनिक संचालन योग्य शख्सियत व सुपात्र पाते हुये , अपने लीगल एड क्लिनिक
का प्रभारी नियुक्त किया है ।
इस लीगल एड क्लिनिक के तहत श्री मित्तल हर प्रकार के
कानूनी सहायता व सलाह के इच्छुकों की एवं किसी भी स्तर की कोई भी समस्या या
परेशानी की प्राथमिक सुनवाई कर सकेंगें , उनको विभिन्न प्रकार के आवेदन उपलब्ध करायेंगें
, उनकी समस्या के उपचार का स्तर व बिन्दु तय कर सकेंगें ,
उन्हें यदि उच्च स्तरीय विधिक सहायता या सलाह की आवश्यकता महसूस
होने पर वे लीगल एड क्लिनिक से जुड़े किसी भी एडवोकेट से मिलवा सकेंगें और उनका
परमर्श और सहायता दिलवा सकेंगें , यदि श्री आशीष मित्तल को
यह महसूस होता है कि किसी प्रकरण में किसी को न्याय बंधु से मिलवाने , या उनकी सलाह या सहायता की आवश्यकता है , तो वे
न्यायबंधु को संबंधित पीड़ित व्यक्ति , संबंधित संगठन के
प्रकरण की फाइल तैयार कर सौंपेंगें उसके बाद सीधे न्यायबंधु से मुलाकात करायेंगें
।
आशीष मित्तल अपने क्लिनिक के तहत आने वाले प्रकरणों की
छंटनी / स्क्रूटनिंग कर सकेंगें , और उसका स्तर सुनिश्चित करेंगें , इस
लीगल एड क्लिनिक से प्राप्त व केवल अनुशंसित प्रकरण ही न्यायबंधु द्वारा ग्रहण
किये जायेंगें ।
श्री मित्तल विधिक सहायता के व मुफ्त सलाह के प्रकरण
राष्ट्रीय विधिक सहायता प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12 के पात्र हितग्राहियों
की अलग फाइल बनाकर उसे विधिक सहायता के लिये चिह्नित कर , ऑन लाइन या मोबाइल
एप्लीकेशन के माध्यम से न्याय विभाग भारत सरकार की विधिक सहायता हेतु न्याय बंधु
के भारत सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत कर सकेंगें और प्रकरण के पंजीयन की जानकारी व
रसीद सुरक्षित रखेंगें । इसी प्रकार वे यदि किसी प्रकरण में नालसा से विधिक सहायता
दिलाना उचित समझेंगें तो उस केस को नालसा में पंजीकृत कर उसकी जानकारी और रसीद
सुरक्षित रखेंगें , यदि वे किसी केस को जिला स्तर की विधिक
सहायता का पात्र समझेंगें तो उसे जिला विधिक सहायता प्राधिकरण की ओर प्रेषित कर
देंगें ।
श्री मित्तल अपने लीगल एड क्लिनिक के माध्यम से विधिक
साक्ष्रता , जागरूकता व शिक्षा प्रशिक्षण आदि के विभन्न लोगों , विभन्न
समूहों , आम जनता के लिये शिविर , सेमिनार
, वर्कशॅाप आदि का आयोजन कर सकेंगें । वे विधिक साक्षरता , जानकारी
, जागरूकता संबंधी कानूनी या लोकहित सामग्री के प्रकाशनों
जैसे पुस्तक , पुस्तिकायें , न्यूज
लेटर्स, अन्य प्रकार के साहित्य पत्रकायें आदि प्रकाशित व
वितरित कर सकेंगें , वे प्रचार प्रसार , विज्ञापन प्रकाशन , पेम्पलेटस, हेण्डबिल्स , होर्डिंग्स , बैनर्स
, कैलेंडर्स आदिके
माध्यम से व्यापक प्रचार कर सकेंगें ।
वे कानून के सहयोग के लिये तथा अपने क्लिनिक के कार्य व
सहयोग के लिये , विभन्न स्तर के न्यायालयों के सहयोग के लिये पैरालीगल वालंटियर्स नियुक्त
कर सकेंगें । वे क्लिनिक के सहयोग व कार्य के लिये विभिन्न एडवोकेट नियुक्त कर
सकेंगें या उन्हें हटा सकेंगें ।
वे साप्ताहिक प्रतिवेदन न्यायबंधु को प्रस्तुत करेंगें
और केवल पूर्णत: जवाबदेह न्यायबंधु , सचिव, न्याय विभाग भारत
सरकार , प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश संबंधित जिला ,
मुख्य न्यायाधीश म.प्र. उच्च न्यायालय तथा मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च
न्यायालय के प्रति होंगें ।
दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर महाभारत के अंतिम चकृवर्ती सम्राट और संपूर्ण भारत के आखरी हिन्दू महाराजा दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर का जन्म दिवस इस साल 28 जुलाई 2022 को हरियाली अमावस्या को मनाया जायेगा
*- नरेन्द्र सिंह तोमर " आनन्द"*
दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर महाभारत के अंतिम चक्रवर्ती सम्राट थे ।
अंग्रेजों ने इन्हें दिल्ली का अंतिम हिंदू राजा और तोमरों का भारत पर राज करने वाला आखरी अंतिम राजवंश लिखा और कहा है ।
कुलगुरू व्यास जी के द्वारा अभिमंत्रित कील , व्यास जी के आदेश पर विक्रम संवत 1100 में केवल 28 साल की उम्र में महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर ने दिल्ली मे़ किल्ली गाड़ी थी जिसे भीमलाट कहते हैं जो महरौली में कुतुब कांपलेक्स में स्थित है , महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर ने इस किल्ली पर अपनी तलवार की नोंक से लेख खोद दिया था जो आज भी उस पर अंकित है । इसके पास ही अपने कुल व राज पुरोहित पाठक पंडित के कहने और उनकी इच्छा के अनुसार इस किल्ली पर ही चतुर्भुजी महाविष्णु की गरूड़ पर सवार प्रतिमा विग्रह स्थापित कराया और पूजा के लिये बराबर ऊंचाई की मीनार उसके बगल में ही बनवाई जिसमें केवल सीढ़ीयां हैं , इस मीनार कांपलेक्स मे यानि मीनार के परिसर में ही 27 मंदिर पाठक पंडित राजपुरोहितों के लिये बनवाये । यह त्रिपुंड के 27 देवताओं और उनकी शक्तियों तथा योगनीयो़ के मंदिर थे । ( तोमरों के राजपुरोहित पाठकों के नाठ होने के बाद रूधावली अंबाह से राज के समय से तोमरों के कुल व राज पुरोहित अब तक उपाध्याय पंडित हैं )
चन्द्रवंश के प्रतापी सम्राट और पांडव अर्जुन के वंशज महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर ने सातों द्वीप और सातों समुद्र पर विजय पताका फहरा कर अपने आधीन राज्य किया और धर्मध्वजा ( पंच पताका केसरिया ध्वज - भगवान विष्णु और माता का रंग ही तोमरों का कुल का पंच पताका ध्वज है ) सभी दिशाओं मे फहराई । चंद्रमा और सात तारों यानि सप्तर्षि के निशान वाला चौकोर हरा झंडा , गौ बच्छा रक्षा - तोमरो का राज चिह्न ) से सभी दिशायें चहुंओर चमक धमक कर फहरायमान हो उठीं ।
अंग्रेजों के मुताबिक राजपूत महाराजा अनंग पाल सिंह तोमर ने दिल्ली मे किल्ली सन 1150 के आस पास गाड़ी , तोमर क्षत्रिय राजपूतों की वंशावली के मुताबिक यह विक्रम संवत 1100 में दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर ने गाड़ी ।
दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर के भाई मदनपाल सिंह तोमर की दो बेटियों के पुत्र पृथ्वीराज सिंह चौहान और जय चंद्र सिंह राठौर सगे मौसेरे भाई थे ।
दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर के बड़े पुत्र को घूरे पर फिंकवाया गया था और मृत बताया गया था , जिसे एक पठान को महल की दासी ने दे दिया था और पालने पोसने को कहा था , जो आगे चलकर गजनी का सुल्तान बना और मोहम्मद गौरी कहलाया ।
महल में चल रहे षडयंत्रों के चलते कुल गुरू व्यास जी ने सावधान करते हुये महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर को कम से कम एक साल की तीर्थयात्रा के बहाने बाहर जाने और रहने का आदेश दिया जिससे उन्हें सुरक्षित रूप से पुत्र प्राप्ति हो सके ।
दिल्लीपति को 32 साल की उम्र में द्वितीय पूत्र सोनपाल सिंह तोमर की प्राप्ति चम्बल में अपने पुरखे महाराजा शांतनु और भरत के जन्मस्थान ( गढ़ चामल - वर्तमान में यह स्थान गुढ़ा चम्बल कहलाता है ) में निवास के दौरान हुई , वे उसे दिल्ली लेकर वापस पहुंचे , जहां पृथ्वीराज के मन में बेईमानी आ गयी और उसने दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर का सिंहासन उन्हें वापस लौटाने से इंकार कर दिया और युद्ध करने के बाद जीत कर सिंहासन वापस लेने का फरमान दिल्लीपति को सुना दिया , राजपुरोहित पाठक और कुलगुरू व्यास जी ने दिल्लीपति को दोहित्र के साथ युद्ध करने और उसका वध करने से रोक दिया और कहा कि इसके बाद तुम्हारे पुरखों को राजसूर्य यज्ञ करना पड़ा और स्वजन व पूजनीय लोगो़ के वध के पाप से मुक्ति हेतु कैलाश पर भगवान शंकर की शरण में जाना पड़ा और शंकर जी उन्हें देखकर छिपते भागते फिरे थे तब नंदी रूप धरे भगवान शंकर का कूबड़ ही पांडव पकड़ पाये और उनने वहां केदारनाथ बनवाया और शंकर जी के सींग पशुपतिनाथ मे निकले जहां पांडवों ने पशुपतिनाथ मंदिर बनवाया जिसकी पूजा करके ही वे पापमुक्त हुये , इसलिये इसके साथ युद्ध और इसका वध तुम्हारे लिये उचित नहीं है , यह तुमसे उम्र में भी काफी छोटा है ।
इसके बाद दिल्लीपति चंबल में वापस आ गये और ऐसाह नामक स्थान पर एक छोटा सा दुर्ग बनवाकर वहां अपनी राजधानी बनाई ।
उनके बड़े पुत्र ने पृथ्वीराज से बदला लिया , छोटे पुत्र सोनपाल का विवाह नरवर के कछवाहे राजा कीरतसेन की पुत्री ककनवती से हुआ , नाती सुल्तान शाह का विवाह करौली के जादौन राजा हमीर सिंह की पुत्री अकलकंवर से हुआ , उनके प्रपौत्र कंवरपाल का विवाह चित्तोड़गढ़ के सिसोदिया राजा रावल रतन सिंह सिसोदिया और महारानी पद्मिनी की एकमात्र पुत्री हेमावती से हुआ , उनके दो पुत्र रावल घाटम देव और रावल वीरम देव यानि वीर सिंह देव ने तोमरघार के 52, 84 और 120 गांव बसाये जिसे बावन बीसा सौं चौरासी के नाम से तोमरघार कहते हैं ।
इसी ऐसाह गढ़ी के किले में विक्रम संवत 1199 में ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर मोक्षलोक वासी होकर विष्णुधाम चले गये ।
दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर की वंशावली के अनुसार उनका जन्म विक्रम संवत 1072 में हरियाली अमावस्या को सावन के महीने में दोपहर हुआ ।
*-नरेन्द्र सिंह तोमर "आनंद " ( दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर की 23 वीं पीढ़ी )*
धर्म मय हुई दतिया , पुरी की तर्ज पर निकली माई की रथ यात्रा में उमड़े भक्त
ग्वालियर टाइम्स
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया,गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने रथ खींच कर किया रथयात्रा का सुभारम्भ
सर्व शत्रु स्तंभन कारी , सर्व विरोध नाशनी, मुकदमा अदालत और चुनाव , रण हो या जीवन सब जगह विरोध नाश कर , शत्रुओं का स्तंभन करने वाली, उनका मुख बंद करने वाली, उनकी बुद्धि का नाश कर उसे कुबुद्धि में बदलने वाली, उनकी विपरीत बुद्धि कर उनसे हर काम उलटा करवाने वाली, और उन्हें पतन के पथ पर धकेल कर उनका सर्वनाश कर देने वाली , राजाओं की देवी , राज राजेश्वरी भगवती मां पीतांबरा भगवती बगलामुखी , जिनका सर्वांग पीला है , जो भगवान शिव के बगलामुख नामक अवतार की शक्ति हैं , जिनके स्वरूप में कन्याओं के विवाह के समय उन्हें कन्यादान करते हुये कन्या का पिता , कन्या के हाथों में हल्दी लगाकर , वर को उसे अपनी बेटी , भगवती बगलामुखी के रूप में सौंपता है कि यह तुम्हारे जीवन में बगुलामुखी के रूप में तुम्हारे शत्रुओं और तुम्हारे विरोध तथा विरोधीयों की नाशनी बने , तुम्हें सदैव लक्ष्मी प्रदान करने में सहायक बने ( लक्ष्मीं प्रददामि त्वम इह आगच्छ आगच्छ ) वही मां पीतांबरा बगुलामुखी जो दस महाविद्याओं में से एक सिद्ध विद्या के नाम से विख्यात हैं , भारत का हर प्रधानमंत्री , हर क्षत्रिय राजपूत , हर राज्यपाल , हर राष्ट्रपति जिनके चरणों में शीष झुकाने और वंदन करने आया , जो भी शत्रुओं और विरोधियों, मुकदमों से परेशान और दुखी होकर आया , वह यहां से गया तो महज एक महीने बाद ही मां का करिश्मा देख कर दंग रह गया और फिर अपने आप ही दोबारा आया , हर बार और बार बार आया ।
मुख्यमंत्री ने कहा,नरोत्तम मिश्रा जी ने जनता के साथ रच दिया इतिहास
दतिया ।पुरी में निकलने वाली जगनन्नाथ जी की यात्रा व उज्जैन में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी की तरह अब दतिया में भी हर साल पीतांबरा माई की रथ यात्रा दुनिया देखेगी।माई के प्रक्टोसव पर माई पहली बार शक्तिपीठ से निकल कर रथ पर सवार होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देने निकली।
इस अवसर पर पूरी दतिया धर्म नगरी में बदल गयी। माँ पीताम्बरा के प्रक्टोसव पर निकली रथ यात्रा में भक्त उमड़ पड़े। जहा तक नज़र जा रही थी पीले वस्त्र पहने लोग नज़र आ रहे थे। माई के जयकारे से नगर गुंजायमान हो रहा था।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ,गृह मंत्री व इस पूरे धार्मिक अनुष्ठान के संयोजक डॉ नरोत्तम मिश्रा ने रथ को खींच कर माई की यात्रा का शुभारंभ किया। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित थी।
माँ पीताम्बरा शक्ति पीठ से माई की रथ यात्रा शाम 5 बजे शुरू हुई। 87 साल में पहली बार माँ पीताम्बरा ने मंदिर से बाहर भक्तों के बीच पहुच कर आशीर्वाद दिया। 4 माई के प्रकाट्य दिवस पर आयोजित इस रथ यात्रा में शामिल होने के लिए पूरा दतिया उमड़ पड़ा।बड़ी संख्या में बाहर से आए माई के भक्त भी इस ऐतिहासिक यात्रा में शामिल हुए। मंत्रोचार के साथ जैसे ही माई रथ पर सवार हुई पूरा क्षेत्र माईं के जयकारों से गूंज उठा।
माई की इस रथ यात्रा का शुभारंभ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पूजा अर्चना करने के बाद राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ,गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के साथ रथ खींच कर किया।
रथ यात्रा शुभारम्भ से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उपस्थित भक्तों को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दतिया ने डॉ नरोत्तम मिश्रा ने जनता के साथ इतिहास रच दिया है।जहाँ देखो भक्त ही भक्त दिख रहे है।पूरी दतिया माई के रंग में रंगी नज़र आ आ रही है। मुझे तो यहां हर मा ओर बिटिया में माई के दर्शन हो रहे है।उन्होंने कहा कि इतना विशाल धार्मिक अनुष्ठान माई की कृपा के बिना संभव नही हो सकता लेकिन डॉ नरोत्तम मिश्रा व उनकी टीम भी बधाई की पात्र है।मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ नरोत्तम मिश्रा ने माई की रथ का पहिया ओर विकास का पहिया जो चलाया है वह कभी नही रुकेगा। इस अवसर पर उन्होंने सरकारी नियंत्रण के मंदिरों के पुजारियों को 5 हज़ार रुपए मानदेय ,संस्कृत के विद्यार्थियों को भी छात्र वृत्ति देने की घोषणा की। उन्होंने भगवान परशुराम की जीवनी भी पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाने की भी घोषणा की।
इस अवसर पर गृह मंत्री और इस पूरे धार्मिक अनुष्ठान के संयोजक डॉ नरोत्तम मिश्रा भावुक नज़र आये। उन्होंने कहा कि में रहु या न रहु माई की यह यात्रा हर साल इसी तरह धूमधाम से निकलेगी।
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि माँ पीताम्बरा माई के प्राकट्य उत्सव पर रथ-यात्रा निकालने की नई परम्परा का शुभारंभ कर मुख्यमंत्री श्री चौहान इतिहास रचने जा रहे हैं। पुरी की भगवान जगन्नाथ यात्रा, उज्जैन की बाबा महाकाल की सवारी की तरह ही दतिया में माई की रथ-यात्रा निरंतर निकलती रहेगी। डॉ. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान इतिहास पुरुष हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में अनेक ऐसे कार्य किये हैं, जिनसे इतिहास रचा गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रयासों से ही दतिया शिक्षा के क्षेत्र में नया हब बनता जा रहा है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दतिया को मेडिकल कॉलेज, लॉ कॉलेज, फिशरीज कॉलेज, वेटरनरी कॉलेज और पुलिस ट्रेनिंग स्कूल की सौगातें दी हैं।
*भारत के नक्शे पर उभरकर आयेगा दतिया : श्रीमती वसुंधरा राजे*
माँ पीताम्बरा ट्रस्ट की अध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि माँ पीताम्बरा की कृपा और गुरूजी के आशीर्वाद से दतिया भारत के नक्शे पर उभरकर आयेगा। आने वाले वर्षों में माई की रथ-यात्रा में शामिल होने के लिये देश-दुनिया के लोग दतिया आयेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार दतिया के विकास में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। पिछले वर्षों में अकल्पनीय विकास के कार्य हुए हैं, जो जारी हैं। उन्होंने दतिया के स्वच्छ और सुंदर शहर होने पर भी प्रशंसा की।
आय प्रमाण पत्र नहीं बनाने पर मुरैना कलेक्टर , एस डी एम और तहसीलदार मुरैना के खिलाफ मुरैना न्यायालय में मामला पेश
*** मुरैना में तहसीलदार मुरैना, एस डी एम मुरैना , कलेक्टर मुरैना तथा मुख्य सचिव म प्र शासन के विरूद्ध आय प्रमाण पत्र नहीं बनाने के कारण सी जे एम कोर्ट में हुआ मामला पेश , दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत एफआईआर दर्ज करने की की गई है मांग साथ ही म प्र लोकसेवा प्रदान गारंटी अधिनियम के तहत पैनल्टी और प्रतिकर दिलाने की की गयी है मांग , सी जे एम मुरैना ने मामला न्यायालय में सुनवाई में लिया , मामला शनिवार को ई कोर्ट से फाइल किया गया था जिसकी सुनवाई आज सोमवार को हुई ।
उल्लेखनीय है कि म.प्र; लोकसेवा प्रदान गारंटी अधिनयम के तहत आय प्रमाण पत्र जारी करने की एक सुनिश्चित प्रक्रिया और प्रावधान है , जिसके तहत आवेदक स्व घोषित घोषणापत्र देकर आय प्रमाण पत्र बनवाता है । जिसके तहत 3 काय्र दिवस के भीतर आय प्रमाण बना कर आवेदक को देना अनिवार्य है , मगर तहसीलदार मुरैना ने आय प्रमाण पत्र जारी करने के बजाय आवेदक का आवेदन ही निरस्त कर दिया , इस पर आवेदक ने मुख्य सचिव म.प्र. शासन तथा मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को उसी दिन ही शिकायत सह अपील कर दी , जिसे मुख्यमंत्री कार्यालय ने दूसरे दिन ही कलेक्टर मुरैना को मय मूल आवेदन तथा समस्त दस्तावेजों सहित सौंप दिया ओर कार्यवाही करने के आदेश दिये , मगर कलेक्टर मुरैना ने डेढ़ महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की , इस संबंध में आवेदक ने उसी दिन ही एक शिकायत म .प्र की सी एम हेलपलाइन पर भी दर्ज कराई , उस पर भी डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी ओर न कोई जवाब दिया गया । इस पर आवेदक पीड़ित व व्यथित होकर न्यायालय में चला गया और आई पी सी की धाराओं 166 तथा 166 (क) के तहत एफ आई आर दर्ज कराने की मांग न्यायालय से की तथा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार पैनल्टी से प्रतिकर दिलाये जाने की मांग की । उल्लेखनीय है कि ऐसी पैनल्टी / प्रतिकर की वसूली अपचारी व कदाचारी शासकीय अधिकारी के वेतन और पेंशन से की जाती है तथा उसकी सर्विसबुक में विपरी टीप अंकित की जाती हे । धारा 166 सरकारी ड्यूटी नहीं करने / पूरी नहीं करने , डृयूटी में फैलुअर रहने पर तथा 166 (क) सरकारी अधिकारी के विधि / कानून / प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर दर्ज की जातीं हैं जिनके तहत कारावास और जुर्माना दोनों से ही सरकारी अधिकारी को दंडित किया जाता है । पुलिस द्वारा एफ आई आर दर्ज नहीं किये जाने पर भी यही धारायें पुलिस कर्मियो पर लगाईं जातीं हैं , इसके साथ ही धारा 217 भी लाई जाती है ।
In the Court Of
Chief Judicial Magistrate, District Morena
Presiding
Officer :
श्री
राजीव राव गौतम
आवेदन अंतर्गत धारा 372 भारतीय
उत्तराधिकार अधिनियम
सक्सेशन प्रकरण क्रमांक
( MJC SUC 0000030/2021)
नरेन्द्र सिंह तोमर … आवेदक
V/s
प्रशांत सिंह तोमर उर्फ
बबलू..... अनावेदक
Process ID -/2021
पेशी दिनांक 27/01/2022
प्रेषिती(1) सर्वसाधारण , पता
– सर्वसाधारण(2) आम जनता
आम जनता को सूचित किया जाता है कि आवेदक
नरेन्द्र सिंह तोमर पता 42 एवं 43 गांधी कालोनी मुरैना ने मृतक स्व. काशीबाई एवं मृतक
स्व. रामेश्वर सिंह तोमर ( प्रो0 आर एस तोमर ) निवासी.....42 ,
43 गांधी कालोनी मुरैना म0प्र0 की ... 4,21466/-, 55,944/-, 30,938/-, 4,20,361/-, 500/-, 5,13,000/-, बैंक ऑफ इंडिया ग्वालियर में लॉकर क्रमांक 000668A में
रखे गये/ जमा समस्त संपत्ति एवं धन तथा दस्तावेज , भारतीय जीवन
बीमा निगम की पॉलिसी क्रमांक 201739169, भारतीय जीवन बीमा निगम
की पॉलिसी क्रमांक 201712530, भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी
क्रमांक 203682890, एवं 201744657, तथा
204061516 और 204290122 भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी क्रमांक 204257642 एवं
202956326 और 203756326 एवं क्रमांक 204264516 .... राशि/संपत्ति हेतु उत्तराधिकारी
अथवा अभिभावक /संरक्षक नियुक्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिये इस न्यायालय में
आवेदन किया है जिसकी सुनवाई दिनांक 27 January 2022को नियत है ।
यदि किसी व्यक्ति को उक्त प्रकरण में आवेदक
को उक्त मृतक का उत्तराधिकारी अथवा अभिभावक / संरक्षक होने संबंधी प्रमाण पत्र जारी
किये जाने में कोई आपत्ति हो अथवा उक्त प्रकरण में वह अपना हक समझता हो तो पेशी दिनांक
27
January
2022 को
न्यायालय में स्वयं अथवा अधिवक्ता के माध्यम से से उपस्थित रहें । सूचना उपरांत यदि
अनुपस्थित रहे तो प्रकरण की सुनवाई एकपक्षीय की जाकर प्रकरण का निराकरण किया जायेगा
।
यह आज तारीख 20 December 2021को मेरे हस्ताक्षर से और न्यायालय की मुद्रा लगाकर
दिया गया है ।
न्यायालय की मुद्राहस्ताक्षर
राजीव राव गौतम
प्रथम व्यवहार न्यायाधीश
वर्ग -1
(वरिष्ठ खण्ड) जिला मुरैना
म.प्र.
यदि
किसी कारणवश उक्त तिथि को न्यायालय अवकाश पर रहेगा तो आगामी कार्य दिवस पर यह प्रकरण
सुनवाई किया जायेगा ।
मध्यप्रदेश में ऑनलाइन बिजनेस करने वाली कंपनियों के लिए बनेगी गाइड लाइन
भोपाल। करी पत्ते के नाम से ऑनलाइन गांजा बेचने के मामले को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि ऑनलाइन बिजनेस के नाम पर नशे का कारोबार करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। जांच में प्रमाण मिलने पर अमेज़न कंपनी के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ऑनलाइन बिजनेस करने वाली कंपनियों के लिए गाइड लाइन तय करेंगे।
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस ने बेहतरीन कार्य करते हुए करी पत्ता एवं अन्य उत्पादों के नाम से गांजे का ऑनलाइन बिजनेस का भंडाफोड़ किया है। यह बेहद गंभीर मामला है। इस पर संज्ञान लेना जरूरी है क्योंकि इसके दूरगामी परिणाम और भी अधिक घातक है। इतने गंभीर मामले में गांजे के पार्सल की डिलीवरी करने वाली अमेजन कंपनी अपनी जिमेदारी से बच नही सकती हैं।
डॉ.मिश्रा ने कहा कि कई टन गंजा पकड़ा गया है। दो लोगों को हिरासत में लिए गया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है। मामले की जांच के लिए अमेज़न कंपनी को भी बुलाया गया है। जांच में दोषी पाए जाने पर अमेजन के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाई की जाएगी। मध्यप्रदेश में ऑनलाइन बिजनेस के नाम पर नशे के व्यापार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसे रोकने के लिए सभी पुख्ता प्रबंध करेंगे।
गाजियाबाद 30 सितंबर 2021 , कला के
क्षेत्र में अग्रणी समाज सेवी संस्था कलांतर आर्ट ट्रस्ट द्वारा आयोजित राष्ट्रीय
आर्ट फेस्टिवल का उद्घाटन २ अक्टूबर को होगा. ये निर्णय कलांतर की कार्यवाहक समिति
की सत्रह सितम्बर की बैठक में हुआ। सूचना देते हुए कलांतर की राष्ट्रीय सचिव
श्रीमती पूजा श्रीवास्तव ने बताया कि इस वर्ष से कलांतर में पेंटिंग प्रतियोगिता
के साथ ही लेखन, संगीत तथा अभिनय प्रतियोगिता को भी शामिल किया गया है। पूजा ने यह
भी बताया कि ये प्रतियोगिताएं पूर्णतया निःशुल्क होंगी। किसी भी स्तर पर कोई भी
प्रतिभागिता शुल्क नहीं लिया जाएगा। प्रतियोगिता को निःशुल्क रखने का उद्देश्य है
कि देश का गरीब से गरीब व्यक्ति भी इस बड़े मंच पर प्रतिभाग करने से वंचित न रह
जाये।
प्रतियोगिता
तीन चरणों में कराई जाएगी। पहले चरण में पेंटिंग तथा लेखन प्रतियोगिता आयोजित की
जाएगी दूसरे चरण में संगीत प्रतियोगिता तथा तीसरे चरण में अभिनय व् नाटक
प्रतियोगिता होगी। सभी प्रतियोगिता की तिथियों तथा विषय की विस्तृत जानकारी ऑनलाइन
उद्घाटन समारोह में दी जाएगी जिससे प्रतियोगियों को विषय को समझने में आसानी हो।
स्वतंत्रता
की पचहत्तरवीं वर्षगांठ के अवसर पर कलांतर २०२१ की प्रतियोगिताएं भी आज़ादी का अमृत
महोत्सव के रूप में मनाई जाएंगी। कलांतर गाजियाबाद की संयोजक प्रिया सिंह के
अनुसार इस वर्ष प्रतियोगिता के अधिकतर विषय भारत वर्ष की सांस्कृतिक विरासत तथा
देश की स्वर्णिम इतिहास से जुड़े हुए होंगे। प्रिया ने आगे बताया कि जहाँ एक ओर इस
प्रतियोगिता का लक्ष्य है कि देश के कोने कोने से छुपी हुई कला प्रतिभाओं को सामने
लाया जाए वहीं दूसरी ओर हम लोगों को देश के स्वर्णिम इतिहास को जानने तथा समझने के
लिए प्रेरित करना चाहते हैं।
प्रिया
सिंह ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कलांतर ने अपनी विभिन्न गतिविधियों के
द्वारा कला से समाज परिवर्तन की दिशा में अभिन्न काम किये हैं। प्रिया सिंह का
कहना है कि कलांतर के संस्थापक श्री विशाल श्रीवास्तव का उद्देश्य है कि शीघ्र ही
कला के द्वारा एक ऐसा आंदोलन लाया जाए जिससे समाज में फ़ैल रही सारी कलुषताएँ
समाप्त हो जाएं। उनका मानना है कि कला में वो अद्भुत शक्ति है जिससे बुरे से बुरे
व्यक्ति के चरित्र में परिवर्तन लाया जा सकता है।
बैठक
में मुख्य रूप से कलांतर प्रयागराज के संयोजक दीपक सिंह , कलांतर के उपाध्यक्ष
श्री शिव नारायण तथा राजेश श्रीवास्तव, कलांतर शिक्षक वर्ग की संयोजक श्रीमती
हरियाली श्रीवास्तव, कलांतर के संयुक्त सचिव श्री सुशील रामरख्यानी, कलांतर युवा
क्लब के संयोजक आर्यन सिन्हा तथा अक्षरा, कलांतर महाराष्ट्र के संयोजक श्री
भारतेंदु, कलांतर देवरिया के संयोजक श्री सुजीत कुशवाहा, कलांतर जौनपुर के संयोजक
श्री अमरदीप चौरसिया, कलांतर झारखंड के संयोजक श्री मनीष श्रीवास्तवआदि उपस्थित रहे।