प्रदेश में महिलाओं, लड़कियों और बच्चों पर विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर हिंसा और उत्पीड़न को रोकने और उन्हें सुरक्षित करने के मद्देनज़र सेफ सिटी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ऐसी घटनाओं की निंदा करते हुए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए है। सेफ सिटी कार्यक्रम का क्रियान्वयन ग्वालियर सहित प्रदेश के छ: शहरों में हो रहा है। इनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, छतरपुर व छिंदवाड़ा शामिल हैं। हाल ही में मंत्रिपरिषद द्वारा इसकी मंजूरी दी गयी है। महिला-बाल विकास इस कार्यक्रम के नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा जो राज्य एवं जिला स्तरीय गतिविधियों के नियोजन, क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाएगा।
सेफ सिटी कार्यक्रम का लक्ष्य कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शहरों और सार्वजनिक स्थलों को सुरक्षित रूप से विकसित करना है ताकि हर उम्र, समुदाय की लड़कियों और महिलाएं सभी प्रकार की हिंसा के भय से मुक्त होकर उनका उपयोग कर सके। शिक्षा, स्वस्थ्य, प्रशिक्षण, रोजगार जैसी बुनियादी सेवाओं तक उनकी पहुँच सुनिश्चित हो और वे सशक्त और स्वावलम्बी जीवन यापन कर सके। यह एक बहुआयामी और बहुस्तरीय कार्यक्रम है जिसमे विभिन्न शासकीय विभाग पुलिस, परिवहन, नगरीय प्रशासन एवं विकास, स्मार्ट सिटी मिशन, स्कूल, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास प्रशिक्षण, पर्यटन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के साथ ही समुदाय स्तर पर नागरिक संस्थाएं, व्यापारिक और सामाजिक संघठन, शैक्षणिक संस्थानों, समूहों तथा शौर्य दल की महिलाएं और बालिकाएं शामिल है।वर्ष 2021-22 थीम सेफ सिटी कार्यक्रम की वार्षिक थीम "लड़कियों और महिलाओं के प्रति सम्मानपूर्वक नज़रिये एवं व्यवहार देना तथा छेड़छाड़ मुक्त शहर का निर्माण" करना है। इस वर्ष सर्वप्रथम छेड़छाड़ उन्मूलन पर वृहद स्तर पर कार्य किया जायेगा। चयनित शहरों में व्यापक रूप से लड़कियों शहर के सार्वजनिक स्थलों जैसे बस स्टॉप, मोहल्ले, मार्किट, लोक परिवहन के साधनो आदि को भयमुक्त बनाने के लिए कार्य किया जायेगा। इसके तहत शहर में हॉट स्पॉट का चिन्हांकन, सी आर पी का चयन और प्रशिक्षण, जिला मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण बाल संरक्षण समिति की सहभागिता, चयनित हॉटस्पॉट पर समुदाय में संवाद कार्यक्रम एवं प्राथमिक सर्वे का कार्य किया जायेगा।
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