विद्युत वितरण कम्पनी की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिये जरूरी है कि बिजली बिलों की वसूली में विशेष ध्यान दिया जाए। पहले बड़े बकायादारों से बिजली बिल की वसूली करें। जिस क्षेत्र में सामूहिक रूप से बिजली की चोरी की जा रही है, वहाँ के जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर बिजली सप्लाई रोकने के संबंध में भी विचार करें। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह निर्देश मध्य एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनियों के कार्यों की समीक्षा के दौरान दिये।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बजट की उपलब्धता के आधार पर ही विद्युत सामग्री खरीदी की प्राथमिकता तय करें। सामग्री खरीदी की गाइडलाइन बनायें और इनका सख्ती से पालन भी करें। उतने ही मीटर खरीदें जायें, जितने लगाने की क्षमता हो। उच्च क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाये जाये, जिससे अधिक भार के कारण वह जले नहीं। जहाँ ओवरलोडिंग है, वहाँ तुरंत ट्रांसफार्मर बदले जाएँ।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ग्रुप मीटर समय पर नहीं सुधारने पर कम्पनी को जुर्माना लगाने के साथ ही संबंधित सहायक और जूनियर इंजीनियर के विरूद्ध कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि इसके नोडल ऑफिसर के विरूद्ध जाँच के बाद कार्यवाही होनी चाहिए। श्री तोमर ने कहा कि ऐसी लापरवाही की पुनरावृति नहीं होना चाहिए। इस तरह का फार्मूला बनाया जाए कि सभी अधिकारियों को समान रूप से कार्य मिले।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत वितरण कम्पनियों का निजीकरण रोकने के लिये जरूरी है कि हम सब मिलकर परिणाम मूलक कार्य करें। सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें और निष्ठापूर्वक उसका निर्वहन करें।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि शहरों में किसी को भी आकलित रीडिंग के आधार पर बिजली बिल नहीं दिये जाएँ। सही बिल दें और उसकी वसूली भी करें। स्मार्ट मीटर के रिजल्ट का आंकलन किया जाए। मीटर रीडर का रोस्टर निर्धारित कर इसका निरीक्षण भी करें। मेंटेंनेंस बेहतर तरीके से करें, जिससे ट्रिपिंग कम हों।
बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय दुबे ने कहा कि ऊर्जा मंत्री द्वारादिये गये निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। इस मौके पर सीएमडी श्री आकाश त्रिपाठी, एमडी पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी श्री अमित तोमर, एमडी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी श्री विशेष गढ़पाले (वर्चुअली) एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.