गुरुवार, 10 दिसंबर 2020

अद्भुत और विलक्षण आइना है ग्वालियर में , खुद को इसमें देंखेंगें तो राजपूत महाराजा महारानी बने दिखेंगें , सादा कपड़े पहनकर आईये, स्वयं को राजसी परिधानों में निहारिये

ग्वालियर स्मार्ट सिटी के डिजीटल म्यूजियम में आकर्षण का केन्द्र बना डिजीटल आईना 

ग्वालियर की पहचान पुरातत्व महत्व की इमारतों के साथ-साथ शास्त्रीय संगीत में पूरे विश्व में है। ग्वालियर के पुरातत्व को देखने एवं विश्व विख्यात संगीत समारोह तानसेन को सुनने देश-विदेश के पर्यटक ग्वालियर आते हैं। ग्वालियर की विरासत को संकलित कर डिजिटलाइज्ड करने का कार्य स्मार्ट सिटी ग्वालियर ने किया है। ग्वालियर में प्रारंभ किए गए डिजिटल म्यूजियम में सैलानी इसका भरपूर उठा रहे हैं। म्यूजियम का डिजिटल आईना जन आकर्षण का केन्द्र भी बना है। साधारण कपड़ों को पहनकर आने वाला व्यक्ति भी डिजिटल आईने में अपने आप को राजसी लिवास में देखकर भाव विभोर हो जाता है।
   ग्वालियर स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन द्वारा गोरखी स्थित स्काउट एण्ड गाइड परिसर में नवनिर्मित डिजीटल म्यूजियम को सैलानी काफी पसंद कर रहे हैं। इस डिजीटल म्यूजियम में 16 गैलरियों के माध्यम से ग्वालियर चम्बल सहित मध्य प्रदेश की पुरानी ऐतिहासिक विरासत और विभिन्न विधाओं को डिजीटल माध्यम से दर्शाया गया है। इस संग्रहालय में खास तरह के डिजीटल संसाधनों का भी प्रयोग किया गया है। जिनके द्वारा सैलानी विभिन्न जानकारियों को जान पा रहे है। इन अत्याधुनिक संसाधनों में से डिजीटल आईना सैलानियों की पहली पसंद बना हुआ है। इस डिजीटल आईने की खास बात यह है कि डिजीटल आईने के सामने सैलानी खडे होकर विभिन्न राजसी एवं पारम्परिक परिधानों के स्वरूपों में अपने आपको निहार सकते हैं। इस डिजीटल आईने में विभिन्न प्रकार की पारम्परिक व राजसी परिधानों को समाहित किया गया है। जिन परिधानों को सैलानी बिना पहने ही आईने में स्वयं को उस परिधान में देख सकते है।
   स्मार्ट सिटी सीईओ श्रीमती जयति सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस डिजीटल संग्रहालय का उदेश्य सैलानियों को डिजीटल के माध्यम से ग्वालियर की स्थापत्य शैली, वास्तु, परिधान, जीवनशैली, वाद्य यंत्र, आभूषण, हस्तशिल्प, सांस्कृतिक परंपरा, चित्रकारी सहित कई विधाओं को आधुनिक तरीके से डिजिटली प्रदर्शित किया गया है।
   उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि डिजीटल म्यूजियम में डिजीटल आईना भी लगाया गया है जिसके माध्यम से आप इसके सामने खडे होकर अपने को विभिन्न परिधानों में देख सकते हैं। इसकी खास बात यह है कि इस आईने में अत्याधुनिक सेंसर का प्रयोग किया गया है। जिसके द्वारा आप अपनी जगह पर खडे होकर ही अपने हाथ के मूवमेंट से परिधानों को बदल सकते हैं। यानि आप अपने हाथ को हिलाकर भी विभिन्न परिधानों को बदल सकते हैं।
   सीईओ स्मार्ट सिटी श्रीमती जयति सिंह ने बताया कि डिजीटल आईने की तरह ही और भी कई डिजीटल अत्याधुनिक संसाधनो का उपयोग म्यूजियम में किया जा रहा है जिनके प्रयोग से सैलानी म्यूजियम में जानकारियों को प्राप्त कर सकते हैं।
भा गया राजस्थानी परिधान
   हजीरा निवासी सुनील राजपूत ने संग्रहालय में भ्रमण करते हुए जब डिजीटल आईने को देखा तो उन्होने स्वयं को राजस्थानी परिधानों में सोचा, उनके सोचते ही उनके पहने हुए पेंट शर्ट राजस्थानी कपडों में बदल गए। यह देखकर उनके साथ आये हुए अनेक सैलानी भी आश्चर्यचकित रह गए। सुनील राजपूत ने बताया कि संग्रहालय का डिजीटल आईना और राजस्थानी परिधान उन्हे भा गया।
खुद को रानी के परिधान में देख चकित रह गई अंजली
   बिरला नगर निवासी अंजली डिजीटल म्यूजियम में घूमते हुए जब डिजीटल आईने के सामने से निकली तो अपने आपको आईने में देखने पर वह रानी के परिधान में खुद को देखकर चकित रह गई। उन्होंने संग्रहालय के बारे में डिजीटल म्यूजियम में उपस्थित कर्मचारियों से और भी जानकारियां ली।
अविनाश ने खुद को देखा राजपूताना परिधान में

   जीवाजी गंज निवासी अविनाश प्रजापति ने डिजीटल म्यूजियम में घूमते हुए जब डिजीटल आईने में खुद को राजपूताना परिधान में देखा तो वे अपने आपको फोटो लिए बिना रोक नही पाए। अविनाश के साथ में आये दोस्तों ने भी विभिन्न परिधानों में अपने फोटो लिए। 

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