राज्य खाद्य प्रयोगशाला के अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा प्रशासन अंतर्गत ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर में 3 नई प्रयोगशालाओं के निर्माण कार्य को तेजी से साथ पूरा किया जाये। इन प्रयोगशालाओं के लिये जरूरी अधिकारी-कर्मचारियों के पदों की शासन द्वारा स्वीकृति दी जा चुकी है। इनकी भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाये, ताकि प्रयोगशालाओं का निर्माण कार्य जब पूरा हो, तब प्रयोगशाला के लिये जरूरी स्टाफ भी उपलब्ध हो सके। यह प्रक्रिया अगले वर्ष में पूरी की जाना है। नई प्रयोगशालाओं के बनने से खाद्य पदार्थों के नमूनों की जाँच तेजी से हो सकेगी और इन प्रयोगशालाओं में कोई भी व्यक्ति स्वयं भी पदार्थों के नमूने की जाँच करवा सकेगा। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने आज मंत्रालय में आयोजित मिलावट से मुक्ति अभियान की समीक्षा बैठक में उक्त बातें कहीं। बैठक में अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री मोहम्मद सुलेमान और स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. संजय गोयल एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि 9 नवम्बर से जारी मिलावट से मुक्ति अभियान में अब तक की कार्यवाही संतोषजनक है, लेकिन अभी भी पूरी तरीके से मिलावटखोरों पर काबू पाया जाना बाकी है। अभियान को एक महीने के लिये और बढ़ाया जाये। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के रोजाना के खाने-पीने में आने वाले जरूरी खाद्य पदार्थों में मिलावट से मुक्ति दिलाने में ही अभियान की सार्थकता है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि ऐसे क्षेत्रों का चयन कर सघन कार्यवाही करें, जहाँ पर अधिक संख्या में मिलावटखोरी के प्रकरण सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर मिलावट का कारोबार करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि ईमानदारी से व्यवसाय करने वाले परेशान नहीं हों, इस बात को भी ध्यान में रखा जाये।बैठक में बताया गया कि मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत राज्य खाद्य प्रयोगशाला द्वारा 1433 नमूनों की रिपोर्ट जारी की गई, जिनमें 1090 नमूने मानक स्तर के और 193 नमूने अवमानक स्तर के पाये गये। प्रयोगशाला द्वारा जारी नमूनों की रिपोर्ट में 97 नमूने मिथ्याछाप और 20 नमूने असुरक्षित पाये गये। इनके साथ ही 21 अपद्रव्य मिश्रण के नमूने और 12 अन्य धाराओं में प्रतिबंधित नमूने पाये गये। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि नमूनों की संख्या अधिक होने पर इनकी जाँच अन्य अधिकृत खाद्य प्रयोगशालाओं से भी करवाई जाये।
बैठक में बताया गया कि मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत अब तक की गई कार्यवाही में 42 मिलावटखोरों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई है और 8 मिलावटखोरों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्यवाही की गई है। अभियान के दौरान एडीएम न्यायालय द्वारा 140 प्रकरणों में आदेश पारित कर 34 लाख 93 हजार 500 रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। अभियान के दौरान की गई कार्यवाही में मिलावट होने के आधार पर 3 करोड़ 82 लाख 27 हजार 67 रुपये कीमत का खाद्य पदार्थ भी जप्त किया गया है।
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