सोमवार, 11 जनवरी 2021

अन्नदाता के साथ काॅग्रेस का हाथःडाॅ. सिकरवार , ग्वालियर पूर्व के धरना प्रदर्शन में उमडा जनसैलाब

ग्वालियर। प्रदेष काॅग्रेस कमेटी के आव्हान पर प्रदेष भर में कृशि कानून बिलों के खिलाफ और किसानों के समर्थन में चल रहे धरना प्रदर्षन के क्रम में आज ग्वालियर पूर्व विधानसभा का विषाल धरना इंदरगंज चैराहा पर दिया गया। धरना प्रदर्षन में हजारों की संख्या काॅग्रेस कार्यकर्ता दुपहिया वाहनों, टेक्टरों और बसों से रैली के रूप में धरना स्थल पर पहुॅचे। हाथों में तिरंगा झण्डा लिये सोनिया-कमलनाथ और सतीष सिकरवार जिंदाबाद के नारे लगाते हुये कार्यकर्ता पूरे उत्साह और उमंग में नजर आये। धरने में बडी संख्या में महिलाओं ने भी भागीदारी की। 

     

धरना प्रदर्षन कार्यक्रम में कार्यक्रम संयोजक एवं विधायक डाॅ. सतीष सिंह सिकरवार, षहर जिलाध्यक्ष डाॅ. देवेन्द्र षर्मा, पूर्व सासंद रामसेवक सिंह ‘बाबूजी’, पूर्व मंत्री बालेन्दु षुक्ला, पूर्व जिलाध्यक्ष चन्द्रमोहन नागौरी, महिला काॅग्रेस जिलाध्यक्ष रूचिराय ठाकुर मुख्य रूप से मौजूद रहे। धरना स्थल पर वक्ताओं ने किसानों के धरना आंदोलन का पुरजोर समर्थन करते हुये कहा कि केन्द्र सरकार उद्योगपतियों के ईषारे पर किसानों के खिलाफ काले कानून के रूप में कृशि बिल लाई है, जिसका काॅग्रेस पार्टी विरोध करती है। षहर जिला काॅग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅ. देवेन्द्र षर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को लेकर असंवेदनषील नजर आ रही है, यह कृशि बिल अडानी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों को फायदा देने वाले हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार मंडियां और एम.एस.पी. खत्म करके किसानों के षोशण पर आमादा है, जिसे बर्दाषत नहीं किया जायेगा। 

डाॅ. षर्मा ने कहा कि पूरे देष की अर्थव्यवस्था कृशि पर निर्भर है और सरकार किसानों को उद्योगपतियों की गुलामी की ओर धकेल रही है। उन्होंने काॅग्रेस कार्यकर्ताओं का आव्हान किया कि जिस बडी संख्या में आज इस धरना प्रदर्षन में षामिल हुये हैं उसी तरह आगे के आंदोलनों में भी कार्यकर्ताओं को भागीदारी निभाना है। धरना को संबोधित करते हुये कार्यक्रम संयोजक एवं विधायक डाॅ. सतीष सिंह सिकरवार ने कहा कि अन्नदाताओं के साथ कांग्रेस का हाथ है और यह पूरी मजबूती के साथ उनके आंदोलन में भागीदारी निभा रहा है और आगे भी निभाऐगा। उन्होने कहा कि किसान दिल्ली के आस-पास कडाके की ठंड में सड़कांे पर बैठा हुआ है और केन्द्र सरकार गूंगी-बहरी बनकर सोई हुई है। उन्हांेने कहा कि काॅग्रेस पार्टी का इतिहास रहा है कि जब भी कोई आंदोलन खडे किये तब वे सफल रहे, यहां तक कि आजादी की लड़ाई में इन्ही आंदोलनों के माध्यम से अंग्रेजांे को तक खदेड़ दिया था। उन्होंने पार्टी संगठन में अनुषासन पर जोर देते हुये कहा कि किसी भी संगठन की मजबूती के लिये अनुषासन बहुत जरूरी है। अनुषासन से ही संगठन को मजबूत बनाया जा सकता है। डाॅ. सिकरवार ने ऐतहासिक धरना प्रदर्षन में षामिल हुये हजारों कार्यकर्ताओं का एवं नेताओं का धन्यवाद भी ज्ञापित किया। इससे पहले काॅग्रेस के पूर्व अध्यक्ष चन्द्रमोहन नागौरी ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि मोदी सरकार अब अपना जनादेष खोती जा रही है। जनता जर्नादन बदलाव चाहती है, उन्होंने कहा कि डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस एवं खाद्यानों की बढती मंहगाई से आम आदमी परेषान है। केन्द्र सरकार ने कृशि बिल के रूप में जो काला कानून पेष किया है उसका असर न केवल किसानों पर पडेगा ब्लकि आम आदमी पर मंहगाई के रूप में असर पडेगा। धरना प्रदर्षन को काॅग्रेस नेता अमर सिंह माहौर, मोहन महेष्वरी, राम पाण्डे, केदार सिंह कंशाना, वीना भारद्वाज आदि ने भी संबोधित किया। संचालन पार्टी प्रवक्ता धमेन्द्र षर्मा ने एवं आभार कार्यक्रम संयोजक एवं विधायक डाॅ. सतीष सिंह सिकरवार ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में कृश्णराव दीक्षित, अवधेष कौरव, महाराज सिंह पटेल, चतुर्भुज धन्नोलिया, वीर सिंह तोमर, आषीश अरजरिया, सीमा समाधिया, सरमन सिंह राय, सिद्धार्थ सिंह राजावत, अषोक प्रेमी, जे.एच. जाफरी, प्रेम सिंह यादव, विनोदी जैन, राकेष गुर्जर, कल्लू तोमर, नगरपाल आर्य, कुसुम षर्मा, पूर्व पार्शद नरेन्द्र सिंह, उशा गहलोत, अख्तर हुसैन कुरैषी आदि समेत हजारों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। धरना प्रदर्षन समापन से पहले किसान आंदोलन में षहीद हुये किसानों को दो मिनिट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।  



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

एडवोकेट नरेंद्र सिंह ने उठाया था हाथठेले वालों का मामला:बाजार से ठेले हटाने के मामले में आयोग में जल्द होगी सुनवाई

  13 फरवरी को शहर के हृदयस्थल सदर बाजार, सिकरवारी बाजार, हनुमान चौराहा, झंडा चौक से लेकर रुई की मंडी तक लगने वाले हाथठेले, फड़ दुकानदारों क...